दिल्ली नगर निगम के चुनाव में 250 वॉर्ड में से 134 वॉर्ड पर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की. इसके बावजूद बीजेपी का मानना है कि राजधानी में नए मेयर का चुनाव अब भी खुली रेस की तरह है. बीजेपी के आईटी विभाग के हेड अमित मालवीय ने बुधवार को इस मसले पर एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ‘दिल्ली के नए मेयर के चुनाव की दौड़ इस बात पर तय है कि मनोनीत पार्षद किस तरह मतदान करते हैं.’
उन्होंने स्पष्ट रूप से यह भी कहा कि इस साल (2022) की शुरुआत में चंडीगढ़ में नगर निगम चुनाव हुए थे, जिनमें आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. इसके बावजूद चंडीगढ़ नगर निगम में बीजेपी का मेयर है.
15 दिसंबर तक राज्य चुनाव आयोग एमसीडी निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी कर लेगा और चुने हुए सदस्यों यानि पार्षदों के नाम नोटिफाई करके उपराज्यपाल के पास नए नगर निगम के गठन के लिए भेज दिए जाएंगे."
दिल्ली नगर निगम अधिनिमय के मुताबिक, हर नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में नगर निगम को एक साल के लिए नए मेयर का चुनाव करना होता है. नियम के मुताबिक, पहला कार्यकाल एक महिला को सौंपा जाता है और तीसरे कार्यकाल के जिम्मेदारी पार्षदों में मौजूद अनुसूचित जाति के किसी व्यक्ति को दी जाती है. नए मेयर को चुनने के लिए तकनीकी रूप से किसी भी तरह के चुनाव की जरूरत नहीं होती है.
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